Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2017 · 1 min read

हास्य व्यंग्य

?? हास्य व्यंग्य ??
विधा-गीत
लय-स्वतन्त्र
?विषय – ये है यूपी पुलिस…..?

??????????

बचो रोमियो वरना भर देगी भुस।
तेरी जूलियट हो सकेगी न खुश।
किसी हाल में भी न ले लेना किस।
ये है यूपी पुलिस,ये है यूपी पुलिस।

??????????

चलो त्याग दो ये मुई आशिक़ी।
सलामत रहे जान औ जिंदगी।
कहीं दूर बैठे ही कर लेना विश।
ये है यूपी पुलिस,ये है यूपी पुलिस।

??????????

गए पार्क में तो धुले जाओगे।
कुट-पिट कैसे नजरें मिलाओगे।
कर देगी इश्क़ तेरा टांय-टांय फिस।
ये है यूपी पुलिस,ये है यूपी पुलिस।

??????????

थमा तेज तूफान नलियों में है।
डरा-सहमा हर आशिक़ गलियों में है।
किये जा रहा अपनी माशूका मिस।
ये है यूपी पुलिस,ये है यूपी पुलिस।

??????????
© तेज

Language: Hindi
Tag: गीत
332 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
समय की गांठें
समय की गांठें
Shekhar Chandra Mitra
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
विवश प्रश्नचिन्ह ???
विवश प्रश्नचिन्ह ???
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
Sanjay ' शून्य'
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
शराब खान में
शराब खान में
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
Nothing is easier in life than
Nothing is easier in life than "easy words"
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ Rãthí
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
Paras Nath Jha
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
Vivek Mishra
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख , किसी के लिए दुख , किसी के
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख , किसी के लिए दुख , किसी के
Seema Verma
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
Sahil Ahmad
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"कलम की अभिलाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
कटखना कुत्ता( बाल कविता)
कटखना कुत्ता( बाल कविता)
Ravi Prakash
Loading...