Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 2 min read

हास्य कविता – फूट गयी फूट गयी

एकवार हम बड़े मन से गये बारात ,
लड़की वालों के यहाँ पहुँचने में हो गयी थी रात ।।
लड़की वालों ने हमें देख तुरन्त दी दावत
भूखे लोग ऐसे टूटे जैसे आगयी हो आफत।।
किसी ने सफेद रसगुल्लों में सफेद पत्थर था मिलाया ,
सौभाग्य से वह हमारे हिस्से आया ।।
झट से उसे हमने अपने मुख रक्खा,
परंतु तोड़ने में वो बड़ा था पक्का ।।
वार- वार तोड़ने में हमने बड़ा जोर लगाया ,
बड़ी कोशिश करने पर भी न गया चबाया।।
पत्थर समझ हमने अपने पीछे फेंका ,
और उसे हमने मुडकर तक नहीं देखा ।
इत्तिफाक से वो एक गंजे के सिर से टकराया,
बेचारे गंजे ने एक बड़ा झटका खाया।।
जोर से वह चिल्लाया फूट गयी फूट गयी
हम बोले कि हमसे तो टूटी तक न थी तुमसे फूट गयी ।।
गुस्सा हो उसने भी जोर से उसे मारा ,
एक भूखा बड़े ध्यान से खा रहा था बेचारा ।।
उसने उस पत्थर से मुँह पर बड़ी चोट खायी,
आधा खाना मुख में था आधा वाहर था भाई ।।
सज धज के आया था बन के वह सिकन्दर ,
मुँह उसका सजाकरके बना दिया था बन्दर ।।
ऐसी मारा मारी में छुपने को हमने मेज के नीचे निहारा ,
इतने में किसी ने हमारी आँख में पत्थर दे मारा ।।
हमने चिल्लाकर कहा फूट गयी फूट गयी
एक बोला किसी से टूटी तक न थी तुमसे फूट गयी ।।
अपनी एक आँख पकड़कर हम रो रहे थे भाई ,
ऐसी वारात में हमारी शामत खींच लाई।
है मेरी नशीहत भइया कबहुं न जइयो वारात,
बिना दोष के कभी न खइयो थप्पड़ घूँसा लात ।।
डाँ0 तेज़ स्वरूप भारद्वाज

Language: Hindi
2 Comments · 1467 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या है नारी?
क्या है नारी?
Manu Vashistha
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
पूर्वार्थ
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
*बाल गीत (सपना)*
*बाल गीत (सपना)*
Rituraj shivem verma
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी एक स्वर्ग परी सी
बेटी एक स्वर्ग परी सी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
Mathematics Introduction .
Mathematics Introduction .
Nishant prakhar
"वीक-एंड" के चक्कर में
*Author प्रणय प्रभात*
"लक्ष्य"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है
Vishal babu (vishu)
♥️
♥️
Vandna thakur
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Maa pe likhne wale bhi hai
Maa pe likhne wale bhi hai
Ankita Patel
*
*"शबरी"*
Shashi kala vyas
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"रंग भर जाऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐अज्ञात के प्रति-132💐
💐अज्ञात के प्रति-132💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन?
कौन?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
Dr. Kishan Karigar
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
Loading...