Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2016 · 1 min read

हाइकु :– हुस्न बिखेरा !!

हाइकु :– हुस्न बिखेरा !!

ऐसा गुरूर !
मद मस्त नशे मे
छाया सुरूर !१!

करती सौदा !
यौवन बेचकर
मरती जिन्दा !२!

हुस्न बिखेरा !
बिकता बाजार मे
माटी का ढेरा !३!

Language: Hindi
553 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*लक्ष्य सनातन देश, परम वैभव संपन्न बनाना【मुक्तक】*
*लक्ष्य सनातन देश, परम वैभव संपन्न बनाना【मुक्तक】*
Ravi Prakash
लिया समय ने करवट
लिया समय ने करवट
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
Ms.Ankit Halke jha
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
जिंदगी
जिंदगी
Seema gupta,Alwar
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
वो मेरी कौन थी ?
वो मेरी कौन थी ?
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2970.*पूर्णिका*
2970.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा
शिक्षा
Buddha Prakash
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मॉडर्न किसान
मॉडर्न किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"ना भूलें"
Dr. Kishan tandon kranti
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
Shashi kala vyas
विदाई
विदाई
Aman Sinha
#लघुकथा :--
#लघुकथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
शब्द : दो
शब्द : दो
abhishek rajak
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
💐अज्ञात के प्रति-138💐
💐अज्ञात के प्रति-138💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
Loading...