Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2017 · 1 min read

हसरतें

हसरतें
—–

हसरतें तो बहुत पल कम पड़
गयें बताते है।
हसरत है।उसको हरने की जिसको
मजबूरी बताते है।
हसरत है। उनके ग़म हरने की जिनको
लोग सतातें है।
हसरत है।उसे जगानें की जिसे
ज़मीर बताते है।
हसरत है।वो चेहरे चमकाने की जिन्हे लोग प्रतिभा बताते है।हसरत है।उस खुशहाली की जिसे सब सरसब्ज़ बताते है।
हसरत है। उसे मॉ कहने की जिसे शहीद की मॉ बताते है।
हसरत है। उन्हे अपनाने की जो अनाथ
बेसहारा कहाते है।
हसरत तो बहुत है। मेरी पर सबसे बड़ी
एक हसरत है।
उस मानवता को पाने की जिसे लोग
लोग विलुप्त बताते है।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

Language: Hindi
328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
" जलचर प्राणी "
Dr Meenu Poonia
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
DrLakshman Jha Parimal
हम वीर हैं उस धारा के,
हम वीर हैं उस धारा के,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
बलबीर
बलबीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुझे कृष्ण बनना है मां
मुझे कृष्ण बनना है मां
Surinder blackpen
!! कुद़रत का संसार !!
!! कुद़रत का संसार !!
Chunnu Lal Gupta
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
Phool gufran
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
Dr MusafiR BaithA
किसान और जवान
किसान और जवान
Sandeep Kumar
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
Ravi Prakash
आड़ी तिरछी पंक्तियों को मान मिल गया,
आड़ी तिरछी पंक्तियों को मान मिल गया,
Satish Srijan
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
तितली संग बंधा मन का डोर
तितली संग बंधा मन का डोर
goutam shaw
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
निःशुल्क
निःशुल्क
Dr. Kishan tandon kranti
प्रभु पावन कर दो मन मेरा , प्रभु पावन तन मेरा
प्रभु पावन कर दो मन मेरा , प्रभु पावन तन मेरा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
चार कदम चोर से 14 कदम लतखोर से
शेखर सिंह
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
3257.*पूर्णिका*
3257.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...