Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2017 · 1 min read

हर बच्चा कलाकार होता है।

????
हर बच्चा कलाकार होता है,
मन कल्पना से भरा होता है।
मन में विचारों का द्वन्द होता है,
तब कोई नया सृजन होता है
हर बच्चा कलाकार होता है।

?

चीजों को कभी तोड़ता है,
कभी चीजों को जोड़ता है।
नयी-नयी चीजें सोचता है,
नयी -नयी करतब करता है
हर बच्चा कलाकार होता है।

?

पर विचार नाजुक होता है।
डाँटडपट से मर सकता है।
प्रोत्साहन करने से बढ़ता है।
विरानों में भी रंग भरता है।
हर बच्चा कलाकार होता है।

????—लक्ष्मी सिंह

860 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
जीवन एक मैराथन है ।
जीवन एक मैराथन है ।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
gurudeenverma198
अपनी क़िस्मत को
अपनी क़िस्मत को
Dr fauzia Naseem shad
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कांटों में क्यूं पनाह दी
कांटों में क्यूं पनाह दी
Surinder blackpen
जाड़े की दस्तक को सुनकर
जाड़े की दस्तक को सुनकर
Dr Archana Gupta
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम)
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम)
SATPAL CHAUHAN
💐💐वो न आकर भी कई बार चले गए💐💐
💐💐वो न आकर भी कई बार चले गए💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
Dr Manju Saini
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
विष बो रहे समाज में सरेआम
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
'अशांत' शेखर
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल "हृद
Radhakishan R. Mundhra
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
दहेज.... हमारी जरूरत
दहेज.... हमारी जरूरत
Neeraj Agarwal
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
उनको देखा तो हुआ,
उनको देखा तो हुआ,
sushil sarna
ज़ख्म शायरी
ज़ख्म शायरी
मनोज कर्ण
सांप्रदायिक उन्माद
सांप्रदायिक उन्माद
Shekhar Chandra Mitra
मारुति
मारुति
Kavita Chouhan
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
*रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)*
*रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Loading...