Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2016 · 1 min read

हरियाला सावन

हरा भरा हरियाला सावन
मन भाये मतवारा साजन
प्यासी प्रीत धरा की जागी
उर को वुझावे आ नीलगगन

महक उठी अब डाली डाली
गाए मल्हार कोयलिया कारी
पड़ गए झूले अमुवा की डाली
संग झुलावे आके प्रिय साजन

वहे पुरवैया अगन लगावे
विरह जिया में हूंक उठावे
बुँदे भीग आँचल सुलगावे
अंग लगा अब आके साजन

सखी सहेली पिय संग डोले
गीत मिलन के गुन गुन बोलें
झुलस रही मेरी तन मन ज्वाला
शांत करो पिय ले आलिंगन
हरा भरा………..
मन भाये मतवारा साजन

Language: Hindi
Tag: गीत
11 Likes · 3 Comments · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
Sanjay ' शून्य'
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
सागर
सागर
नूरफातिमा खातून नूरी
"बेटी"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्त्तक
मुक्त्तक
Rajesh vyas
💐अज्ञात के प्रति-143💐
💐अज्ञात के प्रति-143💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
कवि दीपक बवेजा
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
'अशांत' शेखर
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
नेता जी शोध लेख
नेता जी शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
Er.Navaneet R Shandily
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
अपनी काविश से जो मंजिल को पाने लगते हैं वो खारज़ार ही गुलशन बनाने लगते हैं। ❤️ जिन्हे भी फिक्र नहीं है अवामी मसले की। शोर संसद में वही तो मचाने लगते हैं।
अपनी काविश से जो मंजिल को पाने लगते हैं वो खारज़ार ही गुलशन बनाने लगते हैं। ❤️ जिन्हे भी फिक्र नहीं है अवामी मसले की। शोर संसद में वही तो मचाने लगते हैं।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
अन्तर्मन को झांकती ये निगाहें
Pramila sultan
हर बार बिखर कर खुद को
हर बार बिखर कर खुद को
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
जिन सपनों को पाने के लिए किसी के साथ छल करना पड़े वैसे सपने
जिन सपनों को पाने के लिए किसी के साथ छल करना पड़े वैसे सपने
Paras Nath Jha
......मंजिल का रास्ता....
......मंजिल का रास्ता....
Naushaba Suriya
मैंने बार बार सोचा
मैंने बार बार सोचा
Surinder blackpen
Loading...