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14 Jul 2016 · 1 min read

हमें धोखा हुआ तितली के पर का……..

लड़कपन की हसीं दिलकश डगर का।
हमारा प्यार था पहली नज़र का ।।

सबब वो शाम का वो ही सहर का।
भरोसा क्या करें ऐसी नज़र का।।

सिवा मेरे दिखे हैं ऐब सबके।
बड़ा धोखा रहा मेरी नज़र का।।

तुम्हारी खुशबुएँ रख दीं हवा पर
पता लिख्खा नहीं तेरे शहर का।

फड़कती थीं उनीदीं सी वो पलकें,
हमें धोखा हुआ तितली के पर का।।

…..सुदेश कुमार मेहर

3 Comments · 532 Views
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