Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 2 min read

हमको लड़ना होगा—कविता— डी. के. निवातियाँ

हमको लड़ना होगा ……..

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

कब तक बहेगा रक्त वीरो का
खेल खून का अब थमना होगा
जागो यारो इस देश के प्यारो
सच्चाई को अब समझना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

हिन्दू , मुस्लिम सिख, ईसाई
धर्म से आगे हमको बढ़ना होगा
भुलाकर जात-धर्म की नीति
इंसानियत के लिए लड़ना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

आतंकवाद का कोई धर्म नही
इस बात को जहन में बिठाना होगा
दरिंदगी ये अभिशाप समाज की
इस बुराई को जड़ से मिटाना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

राजनीतिको से अब जनता त्रस्त है
व्यवस्था भी सारी अस्त- व्यस्त है
भ्र्ष्टाचार का हुआ हर और बोल बाला
इस कूतंत्र से मिलकर अब लड़ना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

बदल रहा है अब वक़्त धीरे – धीरे
नारी भी चलने लगी अब कन्धा देने
खेल, शिक्षा से लेकर हो सैनिक सेवाएं
हर क्षेत्र में उनका होसला बढ़ाना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

बहुत हुआ अपमान वीरो का,
शेरो ने जान बहुत गवाई है
हर किसान, और हर जवान को
अब देश का भार उठाना होगा!

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!

अब तो न हो कोई नारी अपमानित
अब न कोई गरीब का मजाक उड़ाये
चलो,उठो अब शिक्षा का अलख जगाओ
हर एक बुराई को समाज से मिटाना होगा !

बिगड़े हुए हालातो से डटकर हमको लड़ना होगा
समझ के वक़्त की चाल अब हमको चलना होगा !!
!
!
!
@@@___डी. के. निवातियाँ ____@@@

Language: Hindi
499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan sarda Malu
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
जब-जब तानाशाह डरता है
जब-जब तानाशाह डरता है
Shekhar Chandra Mitra
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
Anil chobisa
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
दांतो का सेट एक ही था
दांतो का सेट एक ही था
Ram Krishan Rastogi
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राखी
राखी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
देखो-देखो आया सावन।
देखो-देखो आया सावन।
लक्ष्मी सिंह
फूल सी तुम हो
फूल सी तुम हो
Bodhisatva kastooriya
■ एम है तो एम है।
■ एम है तो एम है।
*Author प्रणय प्रभात*
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मन तेरा भी
मन तेरा भी
Dr fauzia Naseem shad
मानसिक रोगों का उपचार संभव है
मानसिक रोगों का उपचार संभव है
Ms.Ankit Halke jha
💐अज्ञात के प्रति-151💐
💐अज्ञात के प्रति-151💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
Ranjeet kumar patre
भिखारी का बैंक
भिखारी का बैंक
Punam Pande
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
नव लेखिका
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2767. *पूर्णिका*
2767. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*राधा जी आओ खेलो, माधव के सॅंग मिल होली (गीत)*
*राधा जी आओ खेलो, माधव के सॅंग मिल होली (गीत)*
Ravi Prakash
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
Loading...