Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

सोचो जो बेटी ना होती

????
सोचो जो बेटी ना होती,
तो ये दुनिया कैसी होती?
धरती के अन्दर जो
अंकुर ना फूटती,
तो क्या धरती पर जीवन होती?
सोचो जो बेटी ना होती……

ना ही ये सुन्दर प्रकृति होती।
ना सागर में सीपी होती
ना ही सीप में मोती होती।
ना ही जीवन ज्योति होती।
सोचो जो बेटी ना होती…..

ना तुम होते,ना हम होते,
ना ये रिश्ते-नाते होते।
ना ही अपनेपन की बातें होती।
ना ही प्रकृति सुन्दर रंग समेटे होती।
सोचो जो बेटी ना होती….

ना ही प्यार,त्याग की भावना होती।
ना ही बरसात करूणा की होती।
ना ये संसार सुन्दर इतनी होती।
सोचो जो बेटी ना होती..
????—लक्ष्मी सिंह?☺

1 Like · 1 Comment · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
Sanjay ' शून्य'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक-357💐
💐प्रेम कौतुक-357💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
विमला महरिया मौज
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
झुंड
झुंड
Rekha Drolia
औरत की हँसी
औरत की हँसी
Dr MusafiR BaithA
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
दुआ
दुआ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
3182.*पूर्णिका*
3182.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
जीभ का कमाल
जीभ का कमाल
विजय कुमार अग्रवाल
जाति-धर्म में सब बटे,
जाति-धर्म में सब बटे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मां का हुआ आगमन नव पल्लव से हुआ श्रृंगार
मां का हुआ आगमन नव पल्लव से हुआ श्रृंगार
Charu Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
समय के साथ ही हम है
समय के साथ ही हम है
Neeraj Agarwal
नयी शुरूआत
नयी शुरूआत
Dr fauzia Naseem shad
*नभ में सबसे उच्च तिरंगा, भारत का फहराऍंगे (देशभक्ति गीत)*
*नभ में सबसे उच्च तिरंगा, भारत का फहराऍंगे (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
बस चलता गया मैं
बस चलता गया मैं
Satish Srijan
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
देखी है हमने हस्तियां कई
देखी है हमने हस्तियां कई
KAJAL NAGAR
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kumar lalit
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
Sahil Ahmad
Loading...