Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2017 · 1 min read

सुनहरे पल

वो हर लम्हा
सुनहरा होता है
जो अनुरूप हमारे
साथ खड़ा होता है
न रंग, न रूप
न ही भेद कोई
समय भी कोई
ख़ास नहीं होता
कभी चाहकर
भी नहीं मिलता
कभी बिन चाहे
मिल जाता है
यद्यपि सोचें और
करें मनन तो
हर पल सुनहरा
ही होता है
मानों तो है
न मानों तो नहीं
कभी जब डूबें
हो दूर गहराई में कहीं
उस क्षीण पल में भी
खुशियाँ अपार होती है
समझ कर अगर
कर लो पार तो
और खुशियाँ हज़ार् होती हैं
पल-पल को
हर पल से जियो
जिस जहाँ हैं हम अभी
तरसते हैं कई
यहाँ तक आने को
और कई तो
पहुँचते तक नहीं
इसीलिये जियो दिल से
हर लम्हें को
शायद यहीं
सुनहरा बन जाए !!

– —————बृजपाल सिंह !

Language: Hindi
1 Like · 625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे पिता मेरा भगवान
मेरे पिता मेरा भगवान
Nanki Patre
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
Anil chobisa
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
पग बढ़ाते चलो
पग बढ़ाते चलो
surenderpal vaidya
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
अजीब हालत है मेरे दिल की
अजीब हालत है मेरे दिल की
Phool gufran
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
Rajesh Kumar Arjun
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
#काकोरी_दिवस_आज
#काकोरी_दिवस_आज
*Author प्रणय प्रभात*
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
"कलम के लड़ाई"
Dr. Kishan tandon kranti
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
अपने-अपने राम
अपने-अपने राम
Shekhar Chandra Mitra
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
पूर्वार्थ
"आग्रह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बुद्ध
बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
वास्तविक मौज
वास्तविक मौज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
चाय
चाय
Rajeev Dutta
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
Loading...