Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2017 · 1 min read

सुखद सबेरा

सुखद सबेरा हो जीवन मे
ज्ञान प्रकाश विस्तार गगन मे
वासित हो परिवेश हमारा
मलयज सुगंध हो पवन मे
कटे अंधेरा ऩभ का सारा
चमक आ रही आज चमन मे
देख मुदित हो रहा है मानव
उठती उमंग सब जन मे मन मे
उत्साह युक्त हो रहे है हम सब
नव संकल्प लिये है मन मे
आया नव जीवन है विहान का
चमक आ रही है कन कन मे।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम की चाहा
प्रेम की चाहा
RAKESH RAKESH
3060.*पूर्णिका*
3060.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
हरवंश हृदय
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
■ सड़ा हुआ फल ताज़ा नहीं हो सकता। बिगड़ैल सुधर नहीं सकते। जब तक
■ सड़ा हुआ फल ताज़ा नहीं हो सकता। बिगड़ैल सुधर नहीं सकते। जब तक
*Author प्रणय प्रभात*
श्री हरि भक्त ध्रुव
श्री हरि भक्त ध्रुव
जगदीश लववंशी
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
Can't relate......
Can't relate......
Sukoon
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
बचपन के दिन
बचपन के दिन
Surinder blackpen
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी एक ख़्वाब सी
जिंदगी एक ख़्वाब सी
डॉ. शिव लहरी
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
बोगेनविलिया
बोगेनविलिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
★क़त्ल ★
★क़त्ल ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*नौका में आता मजा, करिए मधुर-विहार(कुंडलिया)*
*नौका में आता मजा, करिए मधुर-विहार(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
Neeraj Agarwal
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
Shashi kala vyas
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Sakshi Tripathi
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
* हो जाओ तैयार *
* हो जाओ तैयार *
surenderpal vaidya
फिक्र (एक सवाल)
फिक्र (एक सवाल)
umesh mehra
Loading...