Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2016 · 1 min read

सिसकता बचपन

इन सड़कों पर सिसकता बचपन देखा मैंने,
फटे कपड़ों से झांकता तन बदन देखा मैंने।

अपनी छोटी सी इच्छाओं को मन में दबाकर,
झूठी मुस्कान बिखेरता मायूस मन देखा मैंने।

जिसे बचपन में खेलना चाहिए खिलोनों से,
उसे कागज़ बीन कर कमाते धन देखा मैंने।

विद्यालय, मदरसे में जा कर पढ़ने की जगह,
दुकानों में गंवाता अपना बालपन देखा मैंने।

साहब! ये किस्मत की नहीं गरीबी की मार है,
करके मजदूरी करता जीवन यापन देखा मैंने।

किताबों के झोले की जगह जिम्मेदारी उठाए,
गरीबी की मार से तड़पता जीवन देखा मैंने।

सुलक्षणा पता नहीं कब बदलेंगे हालात यहाँ,
गरीबी की आग में झुलसता वतन देखा मैंने।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

2 Comments · 469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
*जमानत : आठ दोहे*
*जमानत : आठ दोहे*
Ravi Prakash
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
Arvind trivedi
नारी जीवन की धारा
नारी जीवन की धारा
Buddha Prakash
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
विदाई
विदाई
Aman Sinha
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
राम जैसा मनोभाव
राम जैसा मनोभाव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
2841.*पूर्णिका*
2841.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नजरो नजरो से उनसे इकरार हुआ
नजरो नजरो से उनसे इकरार हुआ
Vishal babu (vishu)
यादों की शमा जलती है,
यादों की शमा जलती है,
Pushpraj Anant
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
कवि दीपक बवेजा
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
Neelam Sharma
शिक्षक
शिक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अपने वतन पर सरफ़रोश
अपने वतन पर सरफ़रोश
gurudeenverma198
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
गुरु की पूछो ना जात!
गुरु की पूछो ना जात!
जय लगन कुमार हैप्पी
"ना नौ टन तेल होगा,
*Author प्रणय प्रभात*
कांटों में क्यूं पनाह दी
कांटों में क्यूं पनाह दी
Surinder blackpen
Loading...