Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2018 · 1 min read

सियासत

सिया सत के सत् की परिक्षा, वह मर्यादा प्रभु राम की।
आज सियासत मिल कर भी, नही रही किसी काम की।।
औरो खातिर जिनको पहले, न चाह थी निज आराम की।
आज स्वारथ वस करे छलावा, रहा सेवा तो बस नाम की।।

©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०७/१२/२०१८ )

Language: Hindi
3 Likes · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मानवता
मानवता
Rahul Singh
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
" तू "
Dr. Kishan tandon kranti
दो मुक्तक
दो मुक्तक
Ravi Prakash
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💥सच कहा तो बुरा मान गए 💥
💥सच कहा तो बुरा मान गए 💥
Dr.Khedu Bharti
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"अवसाद"
Dr Meenu Poonia
जय श्री गणेशा
जय श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
*याद तुम्हारी*
*याद तुम्हारी*
Poonam Matia
मन सोचता है...
मन सोचता है...
Harminder Kaur
🌹मां ममता की पोटली
🌹मां ममता की पोटली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
स्वभाव
स्वभाव
Sanjay ' शून्य'
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
'अशांत' शेखर
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
कहना नहीं तुम यह बात कल
कहना नहीं तुम यह बात कल
gurudeenverma198
जलपरी
जलपरी
लक्ष्मी सिंह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
Loading...