Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2017 · 1 min read

सरकार की राजनीती

एक तरफ तो सरकार का ये नारा है,
की भ्रष्टाचार रोकना संकल्प हमारा है,
मगर नोटबंदी करके सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ाया है,
घर बैठे लोगो ने ही अपना १०० का नोट ५०० में चलाया है,
एक तरफ सरकार का कहना है की जन जन अपना खाता खुलवाए,
दूसरी तरफ आदेश है की एक खाते में केवल दो लाख ही जमा कराये,
पहले चलाई योजना सरकार ने सब्सिटी पाने की,
फिर लगा दी गुहार सब्सिटी को छुड़वाने की,
हर फैसला सरकार जनता की अनुमति के बिना सुनाती है,
फिर क्यों अपने को चुनने के लिए जनता से मतदान कराती है,RASHMI SHUKLA

Language: Hindi
Tag: लेख
368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
समाज में शिक्षा का वही स्थान है जो शरीर में ऑक्सीजन का।
समाज में शिक्षा का वही स्थान है जो शरीर में ऑक्सीजन का।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
चार पैसे भी नही....
चार पैसे भी नही....
Vijay kumar Pandey
........
........
शेखर सिंह
दिल की गुज़ारिश
दिल की गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मै शहर में गाँव खोजता रह गया   ।
मै शहर में गाँव खोजता रह गया ।
CA Amit Kumar
एक कदम सफलता की ओर...
एक कदम सफलता की ओर...
Manoj Kushwaha PS
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
कवि दीपक बवेजा
भारत शांति के लिए
भारत शांति के लिए
नेताम आर सी
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
■ कटाक्ष
■ कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
'अशांत' शेखर
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA
60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बेतरतीब
बेतरतीब
Dr. Kishan tandon kranti
दिल तसल्ली को
दिल तसल्ली को
Dr fauzia Naseem shad
*दर्द का दरिया  प्यार है*
*दर्द का दरिया प्यार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
Loading...