Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

समय सरकता जा रहा

समय सरकता जा रहा ,बात पते की जान l
मुट्ठी जैसे रेत की ,या गरीब का मान ll

या गरीब का मान, पान बिन कत्थे जैसा l
जगत करे अपमान, रहे पास में ना पैसा ll

छोट अमीर गरीब ,सभी समय को रोते l
होत और ही बात,जो काम समय से होते ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

294 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
शेखर सिंह
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
Kshma Urmila
स्वदेशी के नाम पर
स्वदेशी के नाम पर
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दोस्ती
दोस्ती
Surya Barman
दिल के हर
दिल के हर
Dr fauzia Naseem shad
नहीं जाती तेरी याद
नहीं जाती तेरी याद
gurudeenverma198
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"किसी की नज़र ना लगे"
Dr. Kishan tandon kranti
सनातन सँस्कृति
सनातन सँस्कृति
Bodhisatva kastooriya
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
दोस्त को रोज रोज
दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
ruby kumari
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
कवि दीपक बवेजा
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
Ram Krishan Rastogi
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
!! चुनौती !!
!! चुनौती !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
इक क्षण
इक क्षण
Kavita Chouhan
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
3157.*पूर्णिका*
3157.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षक (कुंडलिया )
शिक्षक (कुंडलिया )
Ravi Prakash
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ
माँ
The_dk_poetry
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
Loading...