Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

समय सरकता जा रहा

समय सरकता जा रहा ,बात पते की जान l
मुट्ठी जैसे रेत की ,या गरीब का मान ll

या गरीब का मान, पान बिन कत्थे जैसा l
जगत करे अपमान, रहे पास में ना पैसा ll

छोट अमीर गरीब ,सभी समय को रोते l
होत और ही बात,जो काम समय से होते ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंथन
मंथन
Shyam Sundar Subramanian
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
स्टेटस
स्टेटस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
Srishty Bansal
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
Aish Sirmour
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
आ जाओ
आ जाओ
हिमांशु Kulshrestha
फूल कितना ही ख़ूबसूरत हो
फूल कितना ही ख़ूबसूरत हो
Ranjana Verma
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
** वर्षा ऋतु **
** वर्षा ऋतु **
surenderpal vaidya
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
Shashi kala vyas
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
■ दिल
■ दिल "पिपरमेंट" सा कोल्ड है भाई साहब! अभी तक...।😊
*Author प्रणय प्रभात*
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
DrLakshman Jha Parimal
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
2395.पूर्णिका
2395.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
Jyoti Khari
बदी करने वाले भी
बदी करने वाले भी
Satish Srijan
Ek jindagi ke sapne hajar,
Ek jindagi ke sapne hajar,
Sakshi Tripathi
सौ सदियाँ
सौ सदियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...