सब गरीब है , इबादत लिखेंगे
कभी मिले तो शिकायत लिखेंगे
कैसी है अब, तबियत लिखेंगे,
हार गया है ज़माने से जो जो
उनके लिए अब हिमायत लिखेंगे,
प्रश्न रह गये है जो अनुत्तरित
फिर नए कुछ सवालात लिखेंगे,
क्यों रो रहा है फटेहाल सा
उस बच्चे के लिए जन्नत लिखेंगे,
टूटते हैं तो टूटने दो दिल
आशिक हमेशा जजबात लिखेंगे,
स्याह है सफा , खून से लथपथ
सबके लिए इंसानियत लिखेगे,
यूँ ही नहीं हो जाता कोई विक्षिप्त
सब गरीब है , इबादत लिखेंगे ।