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28 Mar 2017 · 1 min read

सच्चाई दिखलाता हूँ

नित्य कर्म की तरह सुबह कार्यशाला के लिए प्रस्थान करने से पहले
तैयार होते हुए जीवन की व्यस्तता में टीवी पर खबरे देख सुन रहा था !
कितनी करते है हम बड़ी बड़ी बाते शिक्षा और विकास का दम भरते है
दिखावे की दुनिया में जीते है आज भी हम ये ताना बाणा बुन रहा था !!
!
!
हकीकत क्या है सही है या गतल है
तुमको मैं बतलाता हूँ !
हो सके तो दो पल को विचार करना
सच्चाई दिखलाता हूँ !
!
!
पहली खबर में नव संवत्सर, हिंदी नववर्ष की मिली बधाई थी
दूजी खबर में नवरात्रो के प्रारम्भ की शुभकामनाये भी पाई थी
तीसरी खबर जैसे सुनी उसने मेरे दिल की दुनिया हिलाई थी
आज फिर एक लावारिश नवजात बच्ची कूड़े के ढेर में पाई थी !!
!
!
!
डी. के. निवातिया

Language: Hindi
454 Views
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