Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2017 · 1 min read

माँ/संसार

स्वार्थी संसार , सब जन बुद्धि के कोहिनूर है |
आत्मा की किसे चिंता, जग का मन भरपूर हैं |
माँ, सघन जीवन-प्रदाता- प्यार का अनुपम सगुन|
शेष सब ढोते समय के शेर जैसे शूर हैं|

माता तेरा ऋणी यह, सचमुच असत् संसार है|
माँ अमल पोषण की देवी,प्रीतिमय आधार है |
आप बिन सारा ज़माना, पत्ता सूखी डाल का |
मातु नहिं तो बाल-जीवन में नहीं परिवार है |

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

उर=हृदय

Language: Hindi
495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
3221.*पूर्णिका*
3221.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्री राम
श्री राम
Kavita Chouhan
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
Radhakishan R. Mundhra
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विधाता का लेख
विधाता का लेख
rubichetanshukla 781
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
* मिल बढ़ो आगे *
* मिल बढ़ो आगे *
surenderpal vaidya
काश यह मन एक अबाबील होता
काश यह मन एक अबाबील होता
Atul "Krishn"
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*मौत आग का दरिया*
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"तफ्तीश"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव अराधना
शिव अराधना
नवीन जोशी 'नवल'
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
The_dk_poetry
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Sakshi Tripathi
पद्मावती छंद
पद्मावती छंद
Subhash Singhai
■ ज्वलंत सवाल
■ ज्वलंत सवाल
*Author प्रणय प्रभात*
ईश्वर की बनाई दुनिया में
ईश्वर की बनाई दुनिया में
Shweta Soni
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
नौकरी (१)
नौकरी (१)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
खास हम नहीं मिलते तो
खास हम नहीं मिलते तो
gurudeenverma198
Loading...