Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

संवेदना

जग धरती पर ऐसा भी है होता
वेदना उतर कर पॉव पसारती
संवेदना व्यक्ति की नग्न हो जाती
देख विकलता मन है मर जाता

दया ,ममता ,करूणा कहाँ है जाती
मानव खण्ड विकसित ना हो पाता
विकसने से पहिले आत्मा मर जाती
देख विकलता नहीं शान्त बैठ पाता

दुनियाँ से खत्म मनुजता को देख
मन क्यों तेरा नही बरबस रो जाता
सूट बूट में चलता फिरता तू इतराता
इनका भी भला इन्सान तू करता

विधाता ने नीचे डाल ना सोचा होगा
मेरी दोनों कृतियों मे वैषम्य न होगा
पैसे वाला न पैसे वालें को सम्हालेगा
मेरा तो कुछ बोझ भार ही उतारेगा

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
74 Likes · 345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
मेरा नाम
मेरा नाम
Yash mehra
मैं तो महज संसार हूँ
मैं तो महज संसार हूँ
VINOD CHAUHAN
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2281.पूर्णिका
2281.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
दो अक्षर का शब्द है , सबसे सुंदर प्रीत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
लाइब्रेरी के कौने में, एक लड़का उदास बैठा हैं
The_dk_poetry
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
💐प्रेम कौतुक-559💐
💐प्रेम कौतुक-559💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
“ज़िंदगी अगर किताब होती”
पंकज कुमार कर्ण
सॉप और इंसान
सॉप और इंसान
Prakash Chandra
निकलो…
निकलो…
Rekha Drolia
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
gurudeenverma198
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लहरों पर चलता जीवन
लहरों पर चलता जीवन
मनोज कर्ण
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
मुश्किलें हौसलों को मिलती हैं
मुश्किलें हौसलों को मिलती हैं
Dr fauzia Naseem shad
इश्क में  हम वफ़ा हैं बताए हो तुम।
इश्क में हम वफ़ा हैं बताए हो तुम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
Dr. Kishan tandon kranti
- अपनो का स्वार्थीपन -
- अपनो का स्वार्थीपन -
bharat gehlot
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...