Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

“संघर्ष”

संघर्ष करो संघर्ष करो
संघर्ष हमारा नारा हो।
जीवन पथ पर बढे चलो
यह जीवन सबसे न्यारा हो।

लिया जनम धरा पे जिसने
वही आंख कान सब पाए हैं।
जीवन पथ पर चलते चलते
कुछ वीरों ने ही नाम कमाए हैं।

संघर्ष बिना इस जीवन में
किसने सोहरत पाई है।
बापू तिलक सुभाष ने भी
संघर्ष में ही जान गवाई है।

संघर्षों का हर क्षण
दिल में उतर सा जाता है।
खुशियों का सारा जीवन भी
ना जाने कब ढल जाता है।

संघर्ष करने से मानव को
जीवन जीना आता है।
संघर्ष बिना जीवन को
बिन जाने ही मर जाता है।

जीवन जीने की नहीं
संघर्षों की कहानी गढता है
आने वाला हर मानव।
उस आदर्श को ही पढता है।

कोयला संघर्ष करते-करते
कोहिनूर बन जाता है।
मानव संघर्षों पर चलकर
मानव रत्न बन जाता है।

प्रशांत शर्मा “सरल”
नरसिंहपुर

Language: Hindi
Tag: गीत
365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
विचार , हिंदी शायरी
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
Er. Sanjay Shrivastava
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
काली मां
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
कृष्ण मलिक अम्बाला
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
असफलता का घोर अन्धकार,
असफलता का घोर अन्धकार,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अपने-अपने राम
अपने-अपने राम
Shekhar Chandra Mitra
24/246. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/246. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
Though of the day 😇
Though of the day 😇
ASHISH KUMAR SINGH
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पराये सपने!
पराये सपने!
Saransh Singh 'Priyam'
प्रेम एक निर्मल,
प्रेम एक निर्मल,
हिमांशु Kulshrestha
■ एक मार्मिक तस्वीर पर मेरा एक तात्कालिक शेर :--
■ एक मार्मिक तस्वीर पर मेरा एक तात्कालिक शेर :--
*Author प्रणय प्रभात*
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
नूरफातिमा खातून नूरी
माता - पिता
माता - पिता
Umender kumar
कविता तुम क्या हो?
कविता तुम क्या हो?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
लालच का फल
लालच का फल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...