Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2017 · 1 min read

श्राद्ध

श्राद्ध पक्ष आया है फिर से
कौओं ने इक सभा बुलाई
घर घर की खबरें लाकर के
इक दूजे को बैठ सुनाई
इक बोला जिस घर की छत पर
रोज में बैठा करता हूँ
उस घर मे बूढ़ों को निशदिन
मरते देखा करता हूँ
रोज लड़ाई उनके कारण
घर मे होती रहती हैं
बूढ़ी आंखें खोई खोई सी
आँसू भरी ही रहती हैं
फटे पुराने कपड़े पहने
आँगन में बैठे रहते हैं
टूटी ऐनक से अखबार
रोज पढ़ा वो करते हैं
और कौये भी बोले मिलकर
हमने भी ये देखा है
मर्यादा और संयम की भी
देखी टूटी रेखा है
रूखी सूखी ही खाकर बस
वक़्त गुजारा करते हैं
ये कड़वे घूँट अपमान के
चुपचाप पी लिया करते हैं
ऐसे घर मे श्राद्ध कराने
का बोलो क्या मतलब है
हलुआ पूरी खीर खिलाने
का रहा न कोई सबब हैे
करते हैं हम प्रण उस घर का
अन्न नहीं हम खाएंगे
जिस घर मे बूढ़ों का आदर
मान नहीं हम पाएंगे

डॉ अर्चना गुप्ता
06-09-2017

Language: Hindi
1 Like · 382 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
यादें .....…......मेरा प्यारा गांव
यादें .....…......मेरा प्यारा गांव
Neeraj Agarwal
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Kumar lalit
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-542💐
💐प्रेम कौतुक-542💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
We just dream to  be rich
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शिक्षा एवं धर्म
शिक्षा एवं धर्म
Abhineet Mittal
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
*मतलब सर्वोपरि हुआ, स्वार्थसिद्धि बस काम(कुंडलिया)*
*मतलब सर्वोपरि हुआ, स्वार्थसिद्धि बस काम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
विमला महरिया मौज
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
अब मत करो ये Pyar और respect की बातें,
अब मत करो ये Pyar और respect की बातें,
Vishal babu (vishu)
🌸दे मुझे शक्ति🌸
🌸दे मुझे शक्ति🌸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
समय की नाड़ी पर
समय की नाड़ी पर
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य की खोज, कविता
सत्य की खोज, कविता
Mohan Pandey
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चाहत
चाहत
Sûrëkhâ Rãthí
कोरा संदेश
कोरा संदेश
Manisha Manjari
*
*"गणतंत्र दिवस"*
Shashi kala vyas
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
शेखर सिंह
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
2850.*पूर्णिका*
2850.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...