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5 Mar 2017 · 1 min read

शेर

कुछ दर्द ऐसे भी है जिन्हें कोई बांट नहीं सकता
दाँतविहीन भोंकता है, पर वो काट नही सकता

खींच कर कमां नजर की, उसने कुछ ऐसे ताका
दिल मेरा बरबस बोल उठा, क्या हुक्म है मेरे आका

जब से इक बीबी के शौहर हो गए
वो भी मन्नू से, मनोहर हो गए
गुड़ जैसी थी मिठास, जिंदगी में
अब तो मिया गुड़ गोबर हो गए

Language: Hindi
Tag: शेर
270 Views
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