Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2016 · 2 min read

तांटक छंद :– बहुत हुआ समझौता अब ऐ पाक तुम्हारी बारी है !!

पाक तुम्हारी बारी है ……!!

बहुत हुए समझौते अब सुन पाक तुम्हारी बारी है ?
हमने भाई समझा लेकिन ,तुझमे बस मक्कारी है ॥

बहुत लड़ाई की जो तूने ,कायर बेईमानी से ।
जंग कहा इसको जो तूने, जंग नहीँ ये गद्दारी है ॥

तेरी नापाक इरादो का , जब उफान भर आयेगा ।
जरा सा फूकार दिया हमने ,तूफान खड़ा हो जायेगा ॥

पहचान बदल देंगे तेरी ,भौगोलिक हर मापों से ।
कश्मीर हथियाने का तेरा , अरमान धरा रह जायेगा ॥

अब तक तुझे जो बख्श दिया, ये अपनी खुद्दारी है ।
हमनें भाई समझा लेकिन तुझमे बस मक्कारी है ॥

है गुरूर इतना अगर , ऐ पाक तुझे इस्लाम पर ।
आकर भारत की सीमा मे , अब जंग का ऐलान कर ॥

कराची को चाची बना फ़िर ,हम चरखा पकड़ाएगे ।
काबुल को बुलबुल बना कर , ब्याह रचा घर लाएंगे ॥

हर बार जंग कर देख लिया , तेरी सेना ही हारी है ।
हमनें भाई समझा लेकिन तुझमे बस मक्कारी है ॥

गर तूने ये आंख दिखाई , अब हम आँखें नोचेंगे।
तेरे तसब्बुर से वहीं पर तुझे ही धर दबोचेंगे ॥

फिर आकर कितनी भी चाहे रहम की भीख मागे तू ।
भूल कर इन्सानियत को हम जख्म तेरे खरोचेंगे ॥

बिना लात के बात न माने , तू ऐसा धुत्कारी है ।
हमनें भाई समझा लेकिन तुझमे बस मक्कारी है ॥

चहक रहा था बचपन हरदम आज वहाँ खामोशी है ।
सारी हदें ये तोड़ कर तू इन्सानियत का दोशी है ॥

कभी अहमियत ना समझा तू नातों की ना सरहद की ।
भाई कभी ना बन सका तू ,ना तू नेक पड़ोसी है ॥

हर इक वीर यहाँ का हरदम होता आज्ञाकारी है ।
हमनें भाई समझा लेकिन तुझमे बस मक्कारी है ॥

अपने घर मे फन फैलाए वो अडियल है सैतानी ।
काश्मीर की जंग छेड़ कर , करता हमसे खीचातानी ॥

आज हमारी हर अस्मत पर घात लगाए बैठा है ।
इंतिकाम का वक्त आ गया , जागो प्यारे हिन्दुस्तानी ॥

आज हमारे सीने में तो धधक रही चिंगारी है ।
हमनें भाई समझा लेकिन तुझमे बस मक्कारी है ॥

✍?Anuj Tiwari

Language: Hindi
2 Likes · 16 Comments · 6199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फ़ितरत को जब से
फ़ितरत को जब से
Dr fauzia Naseem shad
कदम पीछे हटाना मत
कदम पीछे हटाना मत
surenderpal vaidya
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
International Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
The_dk_poetry
■ पूर्वानुमान
■ पूर्वानुमान
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
दो सहोदर
दो सहोदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
*हार में भी होंठ पर, मुस्कान रहना चाहिए 【मुक्तक】*
*हार में भी होंठ पर, मुस्कान रहना चाहिए 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
gurudeenverma198
कलम की ताकत और कीमत को
कलम की ताकत और कीमत को
Aarti Ayachit
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
कर्ज का बिल
कर्ज का बिल
Buddha Prakash
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
DrLakshman Jha Parimal
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
Shakil Alam
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
Loading...