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17 Sep 2017 · 1 min read

शीघ्र फरमान हो

(हिन्‍दी पखवाड़े पर हिंन्‍दी पर रचनायें)

आधार छंद- वाचिक स्त्रग्विणी
मापनी–212 212 212 212
पदांत- हो
समांत- आन

राष्ट्र भाषा बने, राष्ट्र का मान हो.
गर्व से सिर तने, विश्व का ध्यान हो.

रच सकेंगे तभी, इक नया राष्ट्र हम,
एक मत से किसी, दिन ये’ ऐलान हो.

आंग्ल भाषा रहे, शीर्ष हिंदी रहे,
आंग्ल का बोलियों, में उचित स्थान हो.

राजभाषा सभी, राज्य हिंदी रखें,
प्रांत की बोलियों, का समाधान हो.

हौसलों ने दिये, पंख स्वच्छंद हैं,
फैसला हो अभी, शीघ्र फरमान हो.

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