Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2017 · 1 min read

शिव भजन

सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव के भक्तों की सेवा में सादर समर्पित एक शिव भजन …!
———————-
* शिव परिवार *
————–
मेंहदी हाथ रचावै गौरी , विजया छानै भोलेनाथ ।
छानै भोलेनाथ, विजया छानै भोलेनाथ ।।

कल-कल धार बहै गंगा की मैया करे किलोल ,
लड़ुआ लै कै घुटमन डोलै गनपति गोल मटोल ,
डमरू लै कै अपने हाथ बजाय रहे बाबा भोलेनाथ ।1।

खेलत कार्तिकेय ने पकड़ी झट बाबा की मूँछ,
नंदी देख हिलावै इत-उत अपनी लम्बी पूँछ ,
गिरिजा हँसी देख बाबा कूँ , हँस गये बाबा भोलेनाथ ।2।

नागराज फुंकारें , मोरा नाचै , मूषक डोलै ,
सिंह दहाड़ै महामाई कौ , भैरों बम-बम बोलै ,
अपनी शरण ‘ज्योति’ कूँ रखियो मेरे बाबा भोलेनाथ ।3।

-महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
*****

Language: Hindi
Tag: गीत
276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
"जीत की कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-76💐
💐अज्ञात के प्रति-76💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भगतसिंह का आख़िरी खत
भगतसिंह का आख़िरी खत
Shekhar Chandra Mitra
कोई पूछे की ग़म है क्या?
कोई पूछे की ग़म है क्या?
Ranjana Verma
अपने होने का
अपने होने का
Dr fauzia Naseem shad
गुरु आसाराम बापू
गुरु आसाराम बापू
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सियासी बातें
सियासी बातें
Shriyansh Gupta
हम कवियों की पूँजी
हम कवियों की पूँजी
आकाश महेशपुरी
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
Anil chobisa
2576.पूर्णिका
2576.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक दिन का बचपन
एक दिन का बचपन
Kanchan Khanna
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
पेशावर की मस्जिद में
पेशावर की मस्जिद में
Satish Srijan
"ॐ नमः शिवाय"
Radhakishan R. Mundhra
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
पत्र
पत्र
लक्ष्मी सिंह
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नेताजी का रक्तदान
नेताजी का रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन
मन
Sûrëkhâ Rãthí
योग इक्कीस जून को,
योग इक्कीस जून को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...