Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2017 · 3 min read

शिक्षा की करुण पुकार

आयोजन। शिक्षा की पुकार
दिनांक 8अप्रैल 2017

लघुकथा
शिक्षा की करुण कथा

कल रात शिक्षा एक शिक्षक को साथ लेकर मेरे पास आई और अपनी व्यथा सुनाने लगी ,आप भी सुनिये और निराकरण भी दीजिये

शिक्षा बड़ी निरीह और मायूस थी आँखों में क्रंदन और मुझमे विश्वास व्यक्त करते हुए बोली,”क्या तुम्हे अपने ही अस्तित्व से प्रेम नहीं,कोई मेरी सुधि नहीं लेता बड़े बड़े विद्यालय आंगनबाड़ी,सर्वशिक्षा अभियान और असंख्य योजनाएं चल रही है बेटी पढ़ाओ देश बचाओ और न् जाने क्या क्या ?पर कोई मेरे ज़ख्म क्यों नहीं देखता”
मैंने कहा तुम् ही कहो देश की साक्षरता बढ़ी है स्त्रियां पुरुषों के बराबर आ रहीं है शिक्षा की गति बड़ी है,पाठशालाओं और विद्यालयों महाविद्यालयों ,विश्विद्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है अब क्या समस्या है।
शिक्षा कराहने लगी बोली इस झूठे बोझ से मैं दबी जा रही हूँ,कभी सोचा है मेरा अस्तित्व क्षीर्ण विदीर्ण हो रहा है कभी मेरे काल पर दृष्टि डालोजब भी कोई आक्रांता आया मेरा स्वरूप बिगाड़ दिया कोई शासक आया मेरा सौंदर्य नौच लिया।संस्कृत माध्यम था ज्ञान आधार पाठ्यक्रम छीनकर निरन्तर मेरे साथ अत्याचार किये फिर मैकाले ने तो सरेआम मेरी नीतियां बदलकर बलात्कार किया जो अंग्रेजी के रूप में आज भी निरन्तर बदस्तूर जारी है।मेरी व्यथा सभ्यता,सँस्कृति और संस्कारो के पतन उनके ह्रास के रूप में परिणित हो रही है।संस्कृत सी देव वाणी में शून्य का ज्ञान दिया ,सूर्य,चन्द्र,धर्तिकी गति दिशाएं बताई,सूर्य से दूरी बताई विश्व गुरु बनकर प्रज्जवलित हुई थी जबकि आज मेरा ज्ञान से विलख कर् ग्लोबलाइजेशन के नाम पर दमन किया जा रहा है।
हमारी बेतिया वेदकाल में गार्गी,मैत्रेयी, अपाला, सावित्री,राधा, लक्ष्मी ,दुर्गा होती थी।आज उन्हें मुन्नी शीला इत्यादि प्रस्तुत किया जा रहा है मेरी गरिमा तो वैश्या को गणिका,देवदासी और नगर वधु का सम्मान देती है हां कुछ हद तक मुझे कल्पना चावला,सुनीता विलियम्स,मैरीकॉम,गीता फोगाट,साक्षी मलिक,पी टी ऊष,कर्णम मल्लेश्वरी,सानिया नेहवाल कुछ ऐसी बेटियों ने बचाने का प्रयास किया है ।पर अभी तक मुझे कोई विश्वामित्र,द्रोण,आर्यभट्ट,भास्कराचार्य, चाणक्य,परमहंस ,समर्थ गुरु रामदास गुरुनानक गुरु रामदास ,या गुरु गोबिंद सिंह नहीं मिले ।
महात्मा गांधी ,सुभाषचंद्र,विस्मिल अशफ़ाक़,भगत सिंह चन्द्र शेखर जैसे कुछ बांकुरों ने ध्रुव चन्द्रगुप्त मौर्य,प्रियदर्शी अशोक् की याद दिलाई पर अब तो एक सर्वपल्ली राधाकृष्णन व् ए. पी. जे.कलाम.तथा स्वामी दयानन्द जी के डी.ए. वी.ने ही कोशिश की थी मुझे समझने की बाकी सत्ताके लालच ने सबको अँधा कर् दिया।
मेवाड़ में दो बार भीषण नरसंहार करने वाले राजनैतिक सौदेबाजी से जोधा संग जुड़ने वाले अकबर को महान् बना दिया मेरे महान् प्रतापी राणा को उसके चेतक को,शिवाजी,बाजीराव को गुरुओं की कुर्बानियों पाठ्यक्रम से हटा दिया कुछ दिनों बाद लाश्मी बाई,दुर्गावती,सबको भुला देंगे।भ्रूण हत्या ,दहेज हत्या,निर्भया जैसे काण्ड होने
लगे।
मुझसे मेरे आद्यात्म के अंग काटकर इतिहास विकृत किया,समाज विकृत और दिशाहीन किया शिक्षकों के गैरजिम्मेदार व्यवहार ने मुझसे मेरा गौरव छीन लिया।मेरी गुहार है पुकार है कि
राजनीती को धर्म से न्याय से प्रेम से विलख मत करो मैं भारत की आत्मा हूँ मुझे बचालो अपने परिवार,समाज और राष्ट्र को बचालो मानवता को बचा लो बचा लो बचा लो

इल्म शिक्षा मोहब्बत इबादत ये हमारी परंपरा है
संस्कृति संस्कार आद्यात्म शिक्षा की वसुन्धरा है
यह भारत राष्ट्र नहीं कोई भूखण्ड का मात्र टुकड़ा
मानवता ज्ञान का पोषक सौहाद्र प्रेम धरोहरा है

डॉ प्रतिभा प्रकाश
25 03 2017

Language: Hindi
17 Likes · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
शिव प्रताप लोधी
💐अज्ञात के प्रति-143💐
💐अज्ञात के प्रति-143💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुहब्बत
मुहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
जेठ का महीना
जेठ का महीना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरा सुकून
मेरा सुकून
Umesh Kumar Sharma
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
किये वादे सभी टूटे नज़र कैसे मिलाऊँ मैं
आर.एस. 'प्रीतम'
एक गुलाब हो
एक गुलाब हो
हिमांशु Kulshrestha
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर की तरह ब
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर की तरह ब
Dr.Priya Soni Khare
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
Ravi Prakash
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
subhash Rahat Barelvi
■ कितना वदल गया परिवेश।।😢😢
■ कितना वदल गया परिवेश।।😢😢
*Author प्रणय प्रभात*
डर के आगे जीत है
डर के आगे जीत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सर्वे भवन्तु सुखिन:
सर्वे भवन्तु सुखिन:
Shekhar Chandra Mitra
**विकास**
**विकास**
Awadhesh Kumar Singh
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ Rãthí
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
"रात यूं नहीं बड़ी है"
ज़ैद बलियावी
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
3127.*पूर्णिका*
3127.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जय लगन कुमार हैप्पी
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
Ashish shukla
तुमसे मैं प्यार करता हूँ
तुमसे मैं प्यार करता हूँ
gurudeenverma198
Loading...