Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2016 · 1 min read

शाश्वत सुमूल्यों का ग्रहण ::: जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट९०)

घनाक्षरी छंद
————-( पोस्ट ९०)
शाश्वत सुमूल्यों का ग्रहण सत्प्रवृत्तियों का ,
मनन भी जीवन में आप नित्य कीजिए ।
छोड़ना दुराग्रह को , त्याग कुप्रवृत्तियों का ,
भजन भी जीवन में आप नित्य कीजिए ।
वैराग्य , मुक्ति विषयक ज्ञान पाने के लिए ,
मंथन को कभी तो महत्व आप दीजिए ।
क्षमा , दया , उदारता , सत्य का अमृत– पान ,
भजन भी जीवन में आप नित्य कीजिए ।।

—— जितेन्द्रकमल आनंद

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*
*"ममता"* पार्ट-5
Radhakishan R. Mundhra
आज भी अधूरा है
आज भी अधूरा है
Pratibha Pandey
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
💐प्रेम कौतुक-462💐
💐प्रेम कौतुक-462💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
शिक्षा
शिक्षा
Buddha Prakash
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
sushil sarna
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
अभिनव अदम्य
Bundeli Doha pratiyogita 142
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
धरती माँ ने भेज दी
धरती माँ ने भेज दी
Dr Manju Saini
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
प्रेमदास वसु सुरेखा
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
2673.*पूर्णिका*
2673.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
"स्कूल चलो अभियान"
Dushyant Kumar
अश्रुऔ की धारा बह रही
अश्रुऔ की धारा बह रही
Harminder Kaur
★आज का विचार★
★आज का विचार★
*Author प्रणय प्रभात*
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
Loading...