Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2017 · 1 min read

शायरी

कभी नैन तरसते थे किसी के दीदार को,
अरसे बीत गए, लोग भी बदल गए,
मगर दिल आज भी खिल उठता है,
देखकर अपने प्यार को…|

तेरी एक इनकार से,
मेरी सारी हसरतें मर गए,
बेवफा तुझसे क्या,
हम तो अपनी चाहत से ही हार गए|

उसे ना पाकर आज,
हम खुद बेजान हो गए,
अब तो सिर्फ यही सोंचता हूँ,
आँखों से मोहब्बत पढ़कर भी,
वो क्यूँ अनजान हो गए|

मेरी सुबह की चैन,
रातों की आराम थी वो,
खामोश मैं था की,
बता नहीं सका किसी को,
मेरी तो जान थी वो…|

तुम भले खुश रह लो,
किसी और की बाँहों में,
मै आज भी जीना चाहता हूँ,
तेरी जुल्फों की छाँहों में…..||

चाहा तो कइयों को,
चाहत न बना सके,
सिर्फ तू बसी है दिल में मेरी,
किसी और को ये जगह न दे सके|

हर जख़्म वक़्त का गुलाम होता है,
कभी किसी को हरा कर जाता है
तो किसी को भर जाता है|

मेरी ख़ामोशियों को गुमान न समझना,
डर मुझे है, महफ़िल में तेरे बदनाम होने की,
अपने दिल में छुपी चाहत को एहसान मत समझना|

तेरे मिलने का कोई गम नहीं मुझे,
तेरी मुस्कुराहट से ही मेरी ज़िन्दगी गुजर जाएगी|

वेदप्रकाश रौशन

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
Be with someone you can call
Be with someone you can call "home".
पूर्वार्थ
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
Surinder blackpen
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
शेखर सिंह
फितरत
फितरत
Surya Barman
दो शे' र
दो शे' र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
उत्साह का नव प्रवाह
उत्साह का नव प्रवाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
*जन्मजात कवि थे श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग*
Ravi Prakash
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
रोटियां जिनका ख़्वाब होती हैं
रोटियां जिनका ख़्वाब होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
● रूम-पार्टनर
● रूम-पार्टनर
*Author प्रणय प्रभात*
सेवा या भ्रष्टाचार
सेवा या भ्रष्टाचार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम गजल मेरी हो
तुम गजल मेरी हो
साहित्य गौरव
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
*अग्निवीर*
*अग्निवीर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रोकोगे जो तुम...
रोकोगे जो तुम...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
मंदिर जाना चाहिए
मंदिर जाना चाहिए
जगदीश लववंशी
आज का यथार्थ~
आज का यथार्थ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
देखी है हमने हस्तियां कई
देखी है हमने हस्तियां कई
KAJAL NAGAR
किसने तेरा साथ दिया है
किसने तेरा साथ दिया है
gurudeenverma198
Loading...