Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2017 · 1 min read

शायरी

प्यार ने बहुत तडपाया और रुलाया इन आँखों ने
कभी हम ने इनको देखा तो कभी अपने हाल को देखा
क्यूं सितम देते हैं दुनिया में लोग किसी को न मालूम
जब निभाना नहीं था, तो क्यूं मझधार में छोड़ा !!!!!

जिन्दगी ने बड़े दर्द दिए
दर्द भी बड़े बेदर्द दिए
होश में न रहने के लिए
न जाने क्या क्या सितम किये !!

अजीत तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: शेर
438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
DrLakshman Jha Parimal
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
Ms.Ankit Halke jha
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"तेरे लिए.." ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िंदा हो ,ज़िंदगी का कुछ तो सबूत दो।
ज़िंदा हो ,ज़िंदगी का कुछ तो सबूत दो।
Khem Kiran Saini
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
नूरफातिमा खातून नूरी
सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान राही नादान
VINOD CHAUHAN
पुस्तक परिचय /समीक्षा
पुस्तक परिचय /समीक्षा
Ravi Prakash
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
कवि रमेशराज
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
निभाना साथ प्रियतम रे (विधाता छन्द)
निभाना साथ प्रियतम रे (विधाता छन्द)
नाथ सोनांचली
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
■ परम् स्वतंत्र न सिर पर कोऊ। हर नियम-विधान, लोक-लाज, मूल्य
■ परम् स्वतंत्र न सिर पर कोऊ। हर नियम-विधान, लोक-लाज, मूल्य
*Author प्रणय प्रभात*
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
देखते देखते मंज़र बदल गया
देखते देखते मंज़र बदल गया
Atul "Krishn"
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
माँ
माँ
ओंकार मिश्र
दिल की हक़ीक़त
दिल की हक़ीक़त
Dr fauzia Naseem shad
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...