Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2017 · 2 min read

शक

शक”एक लघु कथा

कहते हैं शक का इलाज तो हकीम लुक़मान के पास भी नहीं था। शक को कई समस्याओं की जड़ माना जाता है।इस शक की बीमारी को मनोविज्ञान मे Delusion(डिल्यूशन डिसऑर्डर) यानि भ्रम कहते है। Delusion गलत, कट्टर, और पक्के विश्वास से बनी हुई सोच या विचार को कहते हैं जिसको मानने की कोई वजह नहीं होती है और मरीज फिर भी उस सोच या विचार को पक्के विश्वास के साथ मानकर चलता हैं। वे उस खयाल के अलावा कुछ ओर मानने के लिए तैयार ही नहीं होता। उन्हे लगता है की जो वो सोच रहे है या फिर कर रहे है वो सब सही है और बाकी सब गलत।
बदलते माहौल में मौसम से बदलते कितने ही रिश्ते दबे पाँव आकर दस्तक देते हैं और जीवन में कुछ पल ठहर कर मौन ही लौट जाते हैं। सचमुच​ रिश्ते काँच से नाजुक जो कब चटक जाएं पता ही नहीं होता,जिनकी ज़रा सी चुभन भी मन को लहूलुहान कर देती है। झूठ की बुनियाद पर टिके दिखावटी रिश्तों का टूटना आम बात है पर सच्चे, पाक रिश्तों में आई ज़रा सी खरोंच भी कभी -कभी कितनी जानलेवा हो जाती है ।Delusional jealousy अर्थात बेवफ़ाई का भ्रम जिस में लगता है कि उसके पति या पत्नी का किसी और से affair चल रहा है। अकसर इस Delusion से भ्रमित इंसान “सबूतों” को बटोरने की कोशिश करता रहता है और जो वास्तव मे affair है ही नहीं उसको लेकर पति या पत्नी एक में झगड़ा और शक बना रहता है।ऐसा ही एक लघु उदाहरण मेरी कामवाली माया का है।
माया ८ वीं पास है कुछ शब्द इंग्लिश के भी बोल लेती है और खूब सूरत भी है। उसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि वह घरों में काम करती है। सब घरों में काम करके वह अक्सर देर से घर पहुंचती है तो उसका पति उसपर शक करता है।
सप्ताहांत में मैंने अपने यहां रात्रि भोज हेतु कुछ रिश्तेदारों को न्योता दिया चूंकि मैं कार्यरत हूं तो माया की सहायता की मुझे अक्सर आवश्यकता रहती है।जब मैंने देखा वह दो दिन से नहीं आ रही तो मैं उसके घर गई
और उसके शरीर पर पड़े घावों को देखकर हैरत में पड़ गई कि कोई शक के कारण अपनी पत्नी को इतनी निर्दयता से कैसे पीट सकता है। वो अक्सर कहती थी-” मैडम जी मेरा मर्द बहुत शक करता है, इसलिए कभी मेरा फोन चैक करता है तो कभी मेरा पीछा भी कि मैं कहां कहां जाती हूं।”
और उस मूर्ख आदमी के शक की वजह बेबुनियाद है कि उसकी पत्नी का अफेयर चल रहा है। यह शक धीरे बढ़ता गया और फिर इतना बढ़ गया की उसने अपनी पत्नी पर निगरानी रखनी शुरू कर दी और उसका बाहर आना जाना बंद कर दिया। फिर भी उसे तसल्ली नहीं हुई और वो अपनी पत्नी की जान लेने पर उतारू हो गया।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
807 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
Dr. Man Mohan Krishna
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य -  Fractional Detachment  
Atul "Krishn"
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
इल्जाम
इल्जाम
Vandna thakur
फितरत
फितरत
Dr.Khedu Bharti
"सौन्दर्य"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
*चार दिवस का है पड़ाव, फिर नूतन यात्रा जारी (वैराग्य गीत)*
*चार दिवस का है पड़ाव, फिर नूतन यात्रा जारी (वैराग्य गीत)*
Ravi Prakash
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
gurudeenverma198
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
Babli Jha
खुशी ( Happiness)
खुशी ( Happiness)
Ashu Sharma
प्यारी मां
प्यारी मां
Mukesh Kumar Sonkar
बदल गयो सांवरिया
बदल गयो सांवरिया
Khaimsingh Saini
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
Loading...