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25 Jul 2016 · 1 min read

वक़्त

घड़ी की टिक-टिक करके
बढ़ती सुइंयाँ कर जाती हैं इशारा…
पल भर में देखना चाहते हो जितना…
देख लो उतना…
क्यूंकि अगला पल
मैंने किसी और के नाम कर रखा है…
और तुमको बक्शी है
मात्र बुलबुले की ज़िन्दगी….
क्या तुमको भरम है……?

सुनील पुष्करणा

Language: Hindi
1 Like · 437 Views
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