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8 Jul 2016 · 1 min read

वो राह बतलाना नहीं

वो राह बतलाना नहीं
जिस पर हमें जाना नहीं

कह बोझ बेटी को यहाँ
देना कभी ताना नहीं

सच को छिपाने के लिए
झूठी कसम खाना नहीं

मर जाएंगे तेरे बिना
तुम रूठ कर जाना नहीं

खोना भी पड़ता है यहाँ
बस ज़िन्दगी पाना नहीं

हैं कम नहीं गम ‘अर्चना’
आता हमें गाना नहीं

डॉ अर्चना गुप्ता

4 Comments · 261 Views
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