वो राह बतलाना नहीं
वो राह बतलाना नहीं
जिस पर हमें जाना नहीं
कह बोझ बेटी को यहाँ
देना कभी ताना नहीं
सच को छिपाने के लिए
झूठी कसम खाना नहीं
मर जाएंगे तेरे बिना
तुम रूठ कर जाना नहीं
खोना भी पड़ता है यहाँ
बस ज़िन्दगी पाना नहीं
हैं कम नहीं गम ‘अर्चना’
आता हमें गाना नहीं
डॉ अर्चना गुप्ता