Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2016 · 1 min read

वो मेरी हस्ती मिटाने को चला

वो मेरी हस्ती मिटाने को चला
फूंक से पर्वत उड़ाने को चला

यूँ नहीं था ख़ास मक़सद चलने का
सिर्फ अपनी ज़िद निभाने को चला

पैरहन उजला पहनकर, देखिए
दाग़ मुझपर वो लगाने को चला

आसमां छूने की ख़्वाहिश में कहीं
वो जमीं अपनी गँवाने को चला

झूठ के साये में रहता है मगर
साँच का परचम उठाने को चला

माँगकर चिड़ियों से छोटे पंख वो
आसमां पर हक़ जताने को चला

कोई समझाए कहे ‘माही’ उसे
बेवज़ह झगड़े बढ़ाने को चला

माही / जयपुर

2 Comments · 879 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार पसंद आए _ पढ़ लिया कीजिए ।
विचार पसंद आए _ पढ़ लिया कीजिए ।
Rajesh vyas
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संदेह से बड़ा
संदेह से बड़ा
Dr fauzia Naseem shad
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
"हैसियत"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन को अतीत से समझना चाहिए , लेकिन भविष्य को जीना चाहिए ❤️
जीवन को अतीत से समझना चाहिए , लेकिन भविष्य को जीना चाहिए ❤️
Rohit yadav
Wo mitti ki aashaye,
Wo mitti ki aashaye,
Sakshi Tripathi
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
■ देखते रहिए- आज तक, कल तक, परसों तक और बरसों तक। 😊😊
■ देखते रहिए- आज तक, कल तक, परसों तक और बरसों तक। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
असली अभागा कौन ???
असली अभागा कौन ???
VINOD CHAUHAN
प्रभु शरण
प्रभु शरण
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
दीदी
दीदी
Madhavi Srivastava
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
सावन महिना
सावन महिना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
महंगाई के आग
महंगाई के आग
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-267💐
💐प्रेम कौतुक-267💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3254.*पूर्णिका*
3254.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Chinkey Jain
फितरत
फितरत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विद्यार्थी के मन की थकान
विद्यार्थी के मन की थकान
पूर्वार्थ
खिंचता है मन क्यों
खिंचता है मन क्यों
Shalini Mishra Tiwari
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अनवरत....
अनवरत....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Loading...