Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2017 · 1 min read

वो बुद्ध कहलाया …

वो बुद्ध कहलाया …

दुःख-दर्द,खुशी,
सांसारिक व्याधियों के
कोलाहल में
आडंबर भरे संसार में
झूठे दिखावटी प्यार में
भौतिक रिश्तों के व्यापार में
जो निर्लिप्त भाव से
स्वयं को स्वयं में
समाहित कर सका
वो बुद्ध कहलाया

जिसने
यशोधरा को
देह प्रेम की शाश्वत आसक्ति को
जीवन उत्सव की
खिड़की खुलने से पूर्व ही
त्याग कर
वेदना का
सागर पीला
स्वयं को सांसारिक सुख से
विरक्त कर लिया
वो बुद्ध कहलाया

बोधि वृक्ष के नीचे
ध्यानमग्न हो
जिसने
जन्म-मरण से मोक्ष
हर्ष-विषाद की गहराई
अज्ञान और शोक की सच्चाई
प्रेम और क्रोध परतों की
ऊंचाई को पहचान
विश्व को अहिंसा और शान्ति का
सन्देश दिया
मोक्ष की राह दिखाई
वो दुनियावी सिद्धार्थ
बुद्ध
अर्थात
महात्मा बुद्ध कहलाया

सुशील सरना

Language: Hindi
458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Tajposhi ki rasam  ho rhi hai
Tajposhi ki rasam ho rhi hai
Sakshi Tripathi
हिन्दी
हिन्दी
लक्ष्मी सिंह
यहां
यहां "ट्रेंडिंग रचनाओं" का
*Author प्रणय प्रभात*
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
"खतरनाक"
Dr. Kishan tandon kranti
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
क्वालिटी टाइम
क्वालिटी टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
Buddha Prakash
रंगे अमन
रंगे अमन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रंग ही रंगमंच के किरदार है
रंग ही रंगमंच के किरदार है
Neeraj Agarwal
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
गीत
गीत
Shiva Awasthi
दोहे- माँ है सकल जहान
दोहे- माँ है सकल जहान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अंत ना अनंत हैं
अंत ना अनंत हैं
TARAN VERMA
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
Sometimes you have to
Sometimes you have to
Prachi Verma
Loading...