Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2017 · 1 min read

वो नव पाती

मृदुल कोमल सकुचाती सी वो इक नव पाती,
कोपलों से झांकती, नव बसंत में वो लहलहाती,
मंद बयार संग कभी वो झूमती मुस्कुराती,
कभी सुनहले धूप की, गर्म बाहों में वो झूल जाती,
नादान सी वो नव पाती, मृदुलता ही रही लुटाती!

जैठ की दोपहर, जला गई तन उस पात की,
वो किरण धूप की, रही तन को जलाती आग सी,
मौसमों से इतर, विहँसती रही थी वो पात भी,
रही निखरती वो पात, देती सघन छाँव सी,
सकुचाती बलखाती वो पाती, मृदुलता रही लुटाती!

सुकोमल मृगनयनी बिखरती रही वो नव पाती,
रंग बदलते हैं ये मौसम, नादान न थी ये जानती,
वही मंद सी बयार अब बन चुकी थी आंधी,
टूटी वो डाल से, अस्तित्व को अब कहीं तलाशती,
चिलचिलाती धूप में, झुलस चुकी थी वो पाती!

Language: Hindi
1 Like · 408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
2625.पूर्णिका
2625.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
रही सोच जिसकी
रही सोच जिसकी
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
कवि दीपक बवेजा
// श्री राम मंत्र //
// श्री राम मंत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
अस्तित्व की ओट?🧤☂️
डॉ० रोहित कौशिक
■ सुबह की सलाह।
■ सुबह की सलाह।
*Author प्रणय प्रभात*
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
शून्य
शून्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दृढ़ आत्मबल की दरकार
दृढ़ आत्मबल की दरकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
शिव शून्य है,
शिव शून्य है,
पूर्वार्थ
अलार्म
अलार्म
Dr Parveen Thakur
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
राही
राही
RAKESH RAKESH
दोहा-सुराज
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
Dr.Rashmi Mishra
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
"भूल गए हम"
Dr. Kishan tandon kranti
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
Sonu sugandh
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
Loading...