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16 Jul 2017 · 1 min read

*वोटों का मौसम है आया*

वोटों का मौसम है आया

वोटों का मौसम है आया !
संग अपने नेता जी लाया !!
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
वादे करके मीठे – मीठे !
भोली जनता को भरमाया !! 
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
बस कुरसी की खातिर सबने  !
भाई  – भाई को लड़वाया !!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
कौन है अपना कौन पराया !
मन बेचारा जान न पाया !!
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
साम-दाम और दंड-भेद का !
चहुंओर ही जाल बिछाया !!
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
जात-पात का भ्रम फैलाकर !
आपस में सबको लड़वाया !!
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
प्रेम-भाव और नैतिकता को !
खुद से कोसों दूर भगाया !!
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
वाह रे मेरे देश का मानव !
समझ सका न इनकी माया !!
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::

धर्मेन्द्र अरोड़ा “मुसाफ़िर”
9034376051

Language: Hindi
270 Views
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