Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 2 min read

वैलेंटाइन

देख मान जा अब भी टाइम है।
वरना में वैलेंटाइन के विरोध में लिखूँगा।

जो गिफ्ट भेजने का इच्छुक हो पहले मेरा पता नोट कर लें ????

प्रिय मित्रों

प्रथम आप सभी को प्रेम दिवस की बधाई।
यूँ तो ये दिवस मुझे कभी प्रभावित नही किये यही कारण रहा इनकी बधाई देने में बहुत पीछे रहा किन्तु मेरे विचार से ये गलत नही है । प्रेम दिवस पर माँ-पिता की पूजा करो यह सब लिखा देखता हूँ तो खुद को घोर आश्चर्य में पाता हूँ ।
यूँ तो प्रेम किसी दिवस का मोहताज नही कितुं अगर इसके लिए उत्सव मानाने के लिए एक दिन तय कर लिया जाए तो भी में इसमें बुराई नही देखता हूँ।
जब होली दीपावली जैसे त्यौहारों के लिए दिवस तय है तो इसके लिए भी कर सकते है एक दिन ऐसा सब प्रेमरंग में हो।
अब मूल मुद्दे पर आता हूँ
माँ-पिता तो सुबह होते ही प्रथम वंदनीय है ।
हर दिन इनकी पूजा अनिवार्य है फिर भी मातृ पितृ दिवस निश्चित है।
जीवन साथी भी हमारे जीवन के अभिन्न अंग है तो उसके लिए भी इतना अनिवार्य है फिर पश्चिमि संस्कृति का हवाला देकर एक नेक कार्य का विरोध गलत समझता हूँ।
विरोध योग्य है खुले में इस प्यार की नुमाइश करना ये हमारी संस्कार नही सिखाते हमें बडों का सम्मान करना चाहिए शालीनता से यह दिवस पूरे उत्साह से मनाये मेरी शुभकामनाएँ है ,,,,में अपना एक शेर कह कर अपनी वाणी को विराम दूगाँ।।

“” सरेआम मत करो इश्क की नुमाइश
अंदर एक रूह है जो शर्म से जलती है””

नोट– इस की एक सही उम्र होती है बच्चे अपना ध्यान पढाई में लगायें जीवन का प्रवाह आप तक भी सही समय पँहुचेगा

इस पोस्ट पर किसी भी बहस के लिए में तैयार नही हूँ धन्यवाद

₩- रामकृष्ण शर्मा बेचैन

Language: Hindi
Tag: लेख
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या तुम इंसान हो ?
क्या तुम इंसान हो ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
छवि अति सुंदर
छवि अति सुंदर
Buddha Prakash
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
Taj Mohammad
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
माना के तू बेमिसाल है
माना के तू बेमिसाल है
shabina. Naaz
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
हिंदी दोहा- महावीर
हिंदी दोहा- महावीर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज्योतिष विज्ञान एव पुनर्जन्म धर्म के परिपेक्ष्य में ज्योतिषीय लेख
ज्योतिष विज्ञान एव पुनर्जन्म धर्म के परिपेक्ष्य में ज्योतिषीय लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
😊 लघुकथा :--
😊 लघुकथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
Sonu sugandh
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
2342.पूर्णिका
2342.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
*मुदित युगल सरकार खेलते, फूलों की होली (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*मुदित युगल सरकार खेलते, फूलों की होली (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
अरमान
अरमान
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-554💐
💐प्रेम कौतुक-554💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पिता
पिता
sushil sarna
धानी चूनर
धानी चूनर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Sakshi Tripathi
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
Loading...