Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2016 · 1 min read

वृक्षों का दरबार

देखी जंगल में भी एक बस्ती
एक से एक बड़ी वहाँ हस्ती ।
रहते वृक्ष इंसाँ की भाँति
करते बहुत वहाँ वो मस्ती ।
बरगद पेड़ों का बन राजा
जब चाहे एक सभा बुलाता ,
घनी घनी अपनी छाया में ,
वृक्षों का दरबार लगाता ।
जटा बने हाथों से अपने
सब को है आदेश सुनाता ,
सेनापति बनाकर पीपल को
पेड़ों की रक्षा करवाता ,
आम वृक्ष बना महामंत्री
जंगल का पोषक बन जाता ।
नीम चिकित्सक बन खड़ा हो
औषधियों का निर्माण कराता ,
दे आदेश सब पुष्प पौधों को
वन भवन में महक बिखराता ।
चीड़ ,साल, सागौन, कीकर
सब उसके ही दरबारी हैं ,
जंगल की ही भरी सभा पर
स्वस्थ धरा यह सारी है ।

डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली

Language: Hindi
378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
पूर्वार्थ
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
"लाभ के लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
Maine anshan jari rakha
Maine anshan jari rakha
Sakshi Tripathi
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
सर्दी
सर्दी
Dhriti Mishra
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
माना जीवन लघु बहुत,
माना जीवन लघु बहुत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
2621.पूर्णिका
2621.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
हिंदी दोहा शब्द - भेद
हिंदी दोहा शब्द - भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
Ravi Prakash
खेल संग सगवारी पिचकारी
खेल संग सगवारी पिचकारी
Ranjeet kumar patre
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सच तो सच ही रहता हैं।
सच तो सच ही रहता हैं।
Neeraj Agarwal
झुंड
झुंड
Rekha Drolia
जो बीत गया उसे जाने दो
जो बीत गया उसे जाने दो
अनूप अम्बर
(9) डूब आया मैं लहरों में !
(9) डूब आया मैं लहरों में !
Kishore Nigam
गठबंधन INDIA
गठबंधन INDIA
Bodhisatva kastooriya
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
#गौरवमयी_प्रसंग
#गौरवमयी_प्रसंग
*Author प्रणय प्रभात*
कमाई / MUSAFIR BAITHA
कमाई / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
Loading...