Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2017 · 1 min read

“वीर शपथ तुम आज लो” देशभक्ति गीत

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
देश प्रेम गीत ?वीर शपथ तुम आज लो?
********************* छंद मुक्त रचना तर्ज–फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे, भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे। आतंकी हमलावर छाए, इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम ,गौरव इसका गाएँगे।।
दुश्मन से ये घिरी है जननी, भारती करे चीत्कार रे, जागो रे वीर जवानों जागो,माँ की सुनलो पुकार रे, जाति-पाति का भेद भुलाके ,राष्ट्रप्रेम हित ध्यान रखें, माँ की बलिवेदी पे चढ़के अपना शीश नवाएँगे। भारत वीरों की जननी है,समता भाव जगाएँगे, आतंकी हमलावर छाए, इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम, गौरव इसका गाएँगे, वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे ।
आतंकी की गोली झेले,सहमा सा कश्मीर रे, वीरों की जननी भारत है,बढ़ो प्रताप से वीर रे, लहू शहीद का तुम्हें पुकारे,सब मिल आगे आओ रे, माँ की बलिवेदी पे चढ़के ,अपना शीश नवाएँगे। भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे, आतंकी हमलावर छाए,इनको मार भगाएँगे, मातृभूमि की शान बनें हम,गौरव इसका गाएँगे वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान बढ़ाएँगे, भारत वीरों की जननी है, समता भाव जगाएँगे।
डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी, (उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 505 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Agarwal
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
"अंतर्मन में पलता
*Author प्रणय प्रभात*
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
दोहावली ओम की
दोहावली ओम की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सावन के पर्व-त्योहार
सावन के पर्व-त्योहार
लक्ष्मी सिंह
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
योग हमारी सभ्यता, है उपलब्धि महान
योग हमारी सभ्यता, है उपलब्धि महान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फितरत कभी नहीं बदलती
फितरत कभी नहीं बदलती
Madhavi Srivastava
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
कवि दीपक बवेजा
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
*आवारा कुत्तों की समस्या: नगर पालिका रामपुर द्वारा आवेदन का
*आवारा कुत्तों की समस्या: नगर पालिका रामपुर द्वारा आवेदन का
Ravi Prakash
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
Ashok deep
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
नारी
नारी
विजय कुमार अग्रवाल
*पशु से भिन्न दिखने वाला .... !*
*पशु से भिन्न दिखने वाला .... !*
नेताम आर सी
सूखा शजर
सूखा शजर
Surinder blackpen
आदिम परंपराएं
आदिम परंपराएं
Shekhar Chandra Mitra
मौनता  विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
मौनता विभेद में ही अक्सर पायी जाती है , अपनों में बोलने से
DrLakshman Jha Parimal
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
💐अज्ञात के प्रति-10💐
💐अज्ञात के प्रति-10💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
सुखम् दुखम
सुखम् दुखम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...