Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2017 · 2 min read

विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार हैं रमेशराज +ज्ञानेंद्र साज़

विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार हैं रमेशराज
+ज्ञानेंद्र साज़
—————————————————-
श्री रमेशराज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं | ग़ज़ल के समानांतर एक नयी विधा तेवरी को स्थापित करने में लम्बे समय से जी-जान से जुटे हैं | ग़ज़लकारों की अतार्किक हठधर्मिता के चलते अब आपने कथित ग़ज़ल के शिल्प से इतर तेवरी का जो नया रूप प्रस्तुत किया है, यह रूप तेवरी को ग़ज़ल से बिलकुल अलग ही नहीं करता बल्कि तेवरी की नयी छंद-व्यवस्था को लेकर बहुत कुछ सोचने-विचारने पर भी मजबूर करता है | जैसे लम्बी तेवरी की शृंखला में आयी उनकी कृति ‘ घड़ा पाप का भर रहा ‘ में क्रमशः हर पहली पंक्ति में दोहा छंद और दूसरी पंक्ति में ताटंक छंद का प्रयोग कर हर तेवर को तैयार किया गया है | तेवर-शतक के रूप में रची गयी एक लम्बी तेवरी का मार्मिक और रसाद्र रूप इस प्रकार है –
जन-जन की पीड़ा हरे जो दे नवल प्रकाश
जो लाता सबको खुशहाली, उस चिन्तन की मौत न हो |
इसी पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर प्रकाशित “सर्पकुण्डली राज छंद ” पाठक को झकझोरता ही नहीं, रसविभोर भी करता है | श्री रमेशराज द्वारा ही अन्वेषित इस छंद में हर पद की आधी-आधी पंक्ति को उठाकर आगे की पंक्ति में रखकर तेवर बनाया गया है | इन तेवरों का अनुस्यूत रूप एक सम्पूर्ण तेवरी का निर्माण करता है | यह रचनाकर्म दुरूह अवश्य है किन्तु चित्ताकर्षक और अनुपम है –
अब दे रहे दिखाई सूखा के घाव जल में
सूखा के घाव जल में , जल के कटाव जल में |
जल के कटाव जल में , मछली तड़प रही हैं
मछली तड़प रही हैं , मरु का घिराव जल में |
मरु का घिराव जल में , जनता है जल सरीखी
जनता है जल सरीखी , थल का जमाव जल में |
थल का जमाव जल में , थल कर रहा सियासत
थल कर रहा सियासत , छल का रचाव जल में |
छल का रचाव जल में , जल नैन बीच सूखा
जल नैन बीच सूखा , दुःख का है भाव जल में |
नूतन छंदों और एक नये रस “विरोधरस” के अन्वेषक, तेवरी आन्दोलन के पुरोधा श्री रमेशराज निस्संदेह विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार हैं |
——————————————————————-
+ज्ञानेंद्र साज़ , सम्पादक-जर्जर कश्ती , १७/२१२ , जयगंज, अलीगढ़-२०२००१ मोबा.-9219562656

Language: Hindi
Tag: लेख
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
कवि दीपक बवेजा
मेरी एजुकेशन शायरी
मेरी एजुकेशन शायरी
Ms.Ankit Halke jha
"लक्ष्य"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
पूर्वार्थ
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
जबकि मैं इस कोशिश में नहीं हूँ
जबकि मैं इस कोशिश में नहीं हूँ
gurudeenverma198
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
"प्लीज़! डोंट डू
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
"स्वप्न".........
Kailash singh
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
Rj Anand Prajapati
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
पिता आदर्श नायक हमारे
पिता आदर्श नायक हमारे
Buddha Prakash
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
*आओ फिर से याद करें हम, भारत के इतिहास को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Can't relate......
Can't relate......
नव लेखिका
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
"बखान"
Dr. Kishan tandon kranti
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2464.पूर्णिका
2464.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...