Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

विरह गीत

फागुन में मन हिलोर मारे
आईल ना अबहूं सजनवा
सब सखियन मिली ताना मारे
विरह बाण छेदत है करेजवा
मन की मन ही जानै सावरे
जब से गइलै पिया विदेशवा
रात बितल गिन-गिन तारे
न भेजल कोनो पाती न संदेसवा
ए कोयल ले जा तू संदेश हमारे
जा के कहना तुम बिन रास न आवै घर-अँगनवा
आ अब लौट चलो औ परदेशी प्यारे
तोहर धानी सुख भईल ज्यों नागफनी के कँटवा।

Language: Hindi
422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"परवाज"
Dr. Kishan tandon kranti
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
अहंकार
अहंकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
बेटी-पिता का रिश्ता
बेटी-पिता का रिश्ता
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
अनुशासित रहे, खुद पर नियंत्रण रखें ।
Shubham Pandey (S P)
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
फ़क़त मिट्टी का पुतला है,
फ़क़त मिट्टी का पुतला है,
Satish Srijan
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
■ आप आए, बहार आई ■
■ आप आए, बहार आई ■
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-368💐
💐प्रेम कौतुक-368💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
’वागर्थ’ अप्रैल, 2018 अंक में ’नई सदी में युवाओं की कविता’ पर साक्षात्कार / MUSAFIR BAITHA
’वागर्थ’ अप्रैल, 2018 अंक में ’नई सदी में युवाओं की कविता’ पर साक्षात्कार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
Shweta Soni
रूठी हूं तुझसे
रूठी हूं तुझसे
Surinder blackpen
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
Rj Anand Prajapati
यह कौन सा विधान हैं?
यह कौन सा विधान हैं?
Vishnu Prasad 'panchotiya'
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शेयर मार्केट में पैसा कैसे डूबता है ?
शेयर मार्केट में पैसा कैसे डूबता है ?
Rakesh Bahanwal
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
***
*** " चौराहे पर...!!! "
VEDANTA PATEL
गणेश जी का हैप्पी बर्थ डे
गणेश जी का हैप्पी बर्थ डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...