Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2017 · 1 min read

विरह गीत

विरह गीत
********
श्यामघटा घनघोर निहारत
बूँद झमाझम गीत सुनाए,
दादुर शोर हिया झुलसावत
खेत हरी चुनरी लहराए।

प्रीत लगी जब साजन से तब
नैनन नींद मुझे नहिं भाए,
चातक के सम राह तकूँ नित
आवत रात मुझे तरसाए।

मोर पिया परदेस गए सखि
बैरन गीत रहा तड़पाए,
निष्ठुर भाव धरै उर में लखि
पावस की ऋतु आग लगाए।

जाग कटे रतिया सगरी बिन
साजन चैन जिया नहि पाए,
आन मिलो सजना हमसे
रजनी अब सेज सजा अकुलाए।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ईमानदारी
ईमानदारी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हार कभी मिल जाए तो,
हार कभी मिल जाए तो,
Rashmi Sanjay
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
"कुछ भी असम्भव नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
इतनी सी बात पे
इतनी सी बात पे
Surinder blackpen
उम्र थका नही सकती,
उम्र थका नही सकती,
Yogendra Chaturwedi
ऐसा नहीं है कि मैं तुम को भूल जाती हूँ
ऐसा नहीं है कि मैं तुम को भूल जाती हूँ
Faza Saaz
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
नव लेखिका
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
जगदीश शर्मा सहज
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या....!!
#दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या....!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh Manu
कीजै अनदेखा अहम,
कीजै अनदेखा अहम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ फ़ोकट का एटीट्यूड...!!
■ फ़ोकट का एटीट्यूड...!!
*Author प्रणय प्रभात*
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
Loading...