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10 Jul 2017 · 1 min read

“वाणी का महत्त्व” दोहे

“वाणी का महत्त्व” दोहे
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मुख चंदा तन चाँदनी,रूप सजा इठलाय।
कटु वाणी से वार कर,नारी गई लजाय।।

धन दौलत का तोल नहिं,शब्द बढ़ावे मोल।
पीर पराई हर लई,वाणी है अनमोल।।

मधुर वचन औषध सदा,आहत मन सुख पाय।
कटु वाणी ज़ख्मी करे,कोमल मन कुम्लाय।।

मीठे वचन सुनाय के,हर लो जन उर आज।
वशीकरण का मंत्र ये, बैठा कंठ बिराज।।

रूप रंग समरूपता,कोकिल काक जनाय।
जब आवे मधुमास रुत,वाणी भेद बताय।।

डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”
संपादिका- साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी (मो.-9839664017)

Language: Hindi
2 Likes · 3355 Views
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