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19 Jun 2017 · 1 min read

वर्षा ऋतु हाइकु

“वर्षा ऋतु” हाइकु
**********
(१) काले बादल
हँसता मरुस्थल
सौंधी खुशबू ।

(२)काली चूनर
सतरंगी डोरियाँ
दामिनी ओढ़े ।

(३)मेघ मल्हार
बूँदों की सरगम
भीगा मौसम ।

(४)भीगी पलकें
नयना नीर भरे
मेघा बरसे ।

(५)बूँदों का स्पर्श
पर्वत सकुचाए
धरा मुस्काए ।

(६)मेघा बरसे
सावन उपहार
कौंधी दामिनी ।

(७)प्रीत का मेला
सावन अलबेला
वर्षा की झड़ी ।

(८)बरखा प्रीत
बरसाती संगीत
नाचे मयूर ।

(९)तडित प्यास
पनघट उदास
बरसो मेघा ।

(१०)बरखा डोली
बिरहन बदली
भीगी पलकें ।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी(म-9839664017)

Language: Hindi
1 Like · 900 Views
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