Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2016 · 1 min read

वक्त यहीं पर अभी इसको ठहर जाने दे

वक्त यहीं पर अभी इसको ठहर जाने दे
तेरे दीदार से नज़रों को गुज़र जाने दे

नश्शा हो जाये मुझे मौत मेरी होने तक
अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे

शमअ उलफत की जलाई है उजाला होगा
शाम ये आई अगर है तो गुज़र जाने दे

एक मुद्दत से मोहब्बत की तिरी दासी हूँ
जा तुझे क्या मुझे यूँ ही बिखर जाने दे

तुम पे ये जान भी दे दूँ क्या ग़म है मुझे
प्यार में कँवल को हद से गुज़र जाने

बबीता अग्रवाल #कँवल

1 Comment · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कहने को हर हाथ में,
कहने को हर हाथ में,
sushil sarna
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
ज्ञान~
ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
संस्कारों के बीज
संस्कारों के बीज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
जाने दिया
जाने दिया
Kunal Prashant
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
Shashi Dhar Kumar
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
“फेसबूक का व्यक्तित्व”
DrLakshman Jha Parimal
नफरतों को भी
नफरतों को भी
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
मणिपुर कौन बचाए..??
मणिपुर कौन बचाए..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
महंगाई के आग
महंगाई के आग
Shekhar Chandra Mitra
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
When conversations occur through quiet eyes,
When conversations occur through quiet eyes,
पूर्वार्थ
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इल्जाम
इल्जाम
Vandna thakur
2619.पूर्णिका
2619.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
■ आज का चिंतन...
■ आज का चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
Loading...