Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2017 · 1 min read

लोकशैली में तेवरी

नारे थे यहाँ स्वदेशी के
हम बने विदेशी माल , सुन लाल !

अपने हैं ढोल नगाड़े पर
ये मढ़े चीन की खाल , सुन लाल !

हम गदगद अपने बागों में
अब झूले चीनी डाल , सुन लाल |

हम वो संगीत शास्त्री हैं
स्वर में अमरीकी ताल , सुन लाल !
+रमेशराज

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे हिसाब से
मेरे हिसाब से
*Author प्रणय प्रभात*
*घर-घर में अब चाय है, दिनभर दिखती आम (कुंडलिया)*
*घर-घर में अब चाय है, दिनभर दिखती आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
Amit Pathak
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
अनिल कुमार
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
ज़हालत का दौर
ज़हालत का दौर
Shekhar Chandra Mitra
दूर क्षितिज के पार
दूर क्षितिज के पार
लक्ष्मी सिंह
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किछ पन्नाके छै ई जिनगीहमरा हाथमे कलम नइँमेटाैना थमाएल गेल अछ
किछ पन्नाके छै ई जिनगीहमरा हाथमे कलम नइँमेटाैना थमाएल गेल अछ
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
सुखी को खोजन में जग गुमया, इस जग मे अनिल सुखी मिला नहीं पाये
सुखी को खोजन में जग गुमया, इस जग मे अनिल सुखी मिला नहीं पाये
Anil chobisa
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कल कल करती बेकल नदियां
कल कल करती बेकल नदियां
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हवस
हवस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#गुरू#
#गुरू#
rubichetanshukla 781
"You are still here, despite it all. You are still fighting
पूर्वार्थ
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उम्मीद
उम्मीद
Paras Nath Jha
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
Sarfaraz Ahmed Aasee
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
DrLakshman Jha Parimal
Loading...