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22 Oct 2017 · 1 min read

लिखूं क्या मैं कलम से…2

लिखूँ क्या मैं,कलम से लिखूं,या तेरे दम से लिखूँ!

आसमान और धरा का, दूर दिखता मिलन लिखूँ!
या दूर मन के, मिलन के वो भाव लिखूँ!!

कविता, ग़ज़ल या गीत लिखूं!
या तेरे मीठे बोल लिखूँ!!

भंवरों की गुंजन तान लिखूँ!
या गुनगुनाए वो तेरे गीत लिखूँ!!

झरनों के कल-कल गान लिखूँ!
या तेरी पायल की झंकार लिखूँ!!

हिमालय की ऊंचाई लिखूँ!
या प्यार की वो गहराई लिखूँ!!

समंदर की चौड़ाई लिखूँ!
या आखों की,तेरी गहराइ लिखूँ!!

सावन की बरसात लिखूँ!
या साथ बिताया, बारिश का वो पल लिखूँ!!

वक्त का लंबा सितम लिखूँ!
या साथ बिताया वो वक्त लिखूँ!!

वक्त ने ढाई मुझ पर,जो बाढ़ लिखूँ!
या लूटी उसने मेरी बहार लिखूँ!!

हार लिखूं या जीत लिखूँ!
या बस अपनी सच्ची प्रीत लिखूँ!!

लिखूं क्या मैं,कलम से लिखूँ या तेरे दम से लिखूँ!!-2

रंजीत घोसी

Language: Hindi
243 Views
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