Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

लगे मुझको जुदाई में बरस सावन हुआ होगा

बरस बीते गले मिलकर, नहीं रोया, नहीं बोला
लगे मुझको जुदाई में बरस सावन हुआ होगा

——————-

लोग कुछ हैं पालते नफरत यही बस सोचकर
प्यार क्यूँ बेइंतहा मुझसे करे है ये जहां

——————-

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’ (भोपाल)

Language: Hindi
Tag: शेर
537 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे कृष्ण बनना है मां
मुझे कृष्ण बनना है मां
Surinder blackpen
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ये
ये
Shweta Soni
बापू
बापू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
गिरगिट
गिरगिट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
Ram Krishan Rastogi
मन मंदिर के कोने से
मन मंदिर के कोने से
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
कड़वी  बोली बोल के
कड़वी बोली बोल के
Paras Nath Jha
कुर्सी खाली कर
कुर्सी खाली कर
Shekhar Chandra Mitra
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
केवल पंखों से कभी,
केवल पंखों से कभी,
sushil sarna
हम जितने ही सहज होगें,
हम जितने ही सहज होगें,
लक्ष्मी सिंह
SHELTER OF LIFE
SHELTER OF LIFE
Awadhesh Kumar Singh
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
gurudeenverma198
पहले क्या करना हमें,
पहले क्या करना हमें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
😊😊फुल-फॉर्म😊
😊😊फुल-फॉर्म😊
*Author प्रणय प्रभात*
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
Buddha Prakash
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
"बिना पहचान के"
Dr. Kishan tandon kranti
हाई स्कूल के मेंढक (छोटी कहानी)
हाई स्कूल के मेंढक (छोटी कहानी)
Ravi Prakash
Loading...